उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के बकेवर थाना क्षेत्र के दान्दरपुर गांव से एक चौंकाने वाला जातीय उत्पीड़न का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में एक कथावाचक और उनके साथियों के साथ की गई अभद्रता साफ तौर पर देखी जा सकती है। वीडियो में एक युवक की चोटी और बाल काटते हुए, उसे ज़मीन पर नाक रगड़वाते हुए दिखाया गया है। इस अमानवीय घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में भी उबाल है।
🔴 जाति बताने पर कथावाचक के साथ बर्बरता
बताया जा रहा है कि भागवत कथा के दौरान जब कथावाचक से उनकी जाति पूछी गई और उन्होंने “पीडीए” (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समुदाय का नाम लिया, तो कुछ दबंगों ने उनके साथ और उनके सहायकों के साथ अमानवीय बर्ताव किया। कथित तौर पर उनके सिर के बाल मुंडवा दिए गए, नाक रगड़वाई गई, और इलाके की “शुद्धि” कराई गई।
💬 अखिलेश यादव का तीखा बयान
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा,
“संविधान किसी भी तरह के जातीय भेदभाव की इजाज़त नहीं देता। यह पीड़ितों की गरिमा और मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है। तीन दिन के भीतर आरोपियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, नहीं तो हम ‘पीडीए के मान-सम्मान’ की रक्षा के लिए बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।”
🔵 भीम आर्मी प्रमुख की मांग: SC/ST एक्ट की कठोर धाराएं लगें
भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने घटना को सुनियोजित जातीय हमला बताया। उन्होंने कहा,
“कथावाचक और उनके साथियों को केवल जाति के आधार पर अपमानित किया गया। उनके बाल काटे गए, नाक रगड़वाई गई, महिला पर पेशाब छिड़का गया और 25,000 रुपये का जुर्माना भी वसूला गया। यह संविधान और मानवता पर हमला है।”
चंद्रशेखर आजाद ने यह भी मांग की कि:
- आरोपियों पर SC/ST एक्ट की कठोर धाराएं लगाई जाएं
- पीड़ितों को कम से कम ₹10 लाख मुआवजा मिले
- उन्हें सुरक्षा दी जाए
- मामले की निगरानी हाई-लेवल ज्यूडिशियल कमेटी से कराई जाए
👮 पुलिस का बयान: FIR दर्ज, जांच टीम गठित
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पीड़ित पक्ष की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
“घटना की जांच के लिए एडिशनल एसपी के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई है। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”
पुलिस ने यह भी स्वीकार किया है कि पीड़ितों से कुछ पैसे भी जबरन छीन लिए गए।